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2 अप्रैल 2011 की तारीख कोई भी भारतीय नहीं भूल सकता है। एमएस धोनी के आइकॉनिक छक्के के साथ टीम इंडिया ने आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 खिताब अपने नाम किया था। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहला वर्ल्ड कप जीता था और उस समय सचिन तेंदुलकर की उम्र 10 साल थी। 10 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर ने सपना देखा था कि वह टीम इंडिया के लिए खेलेंगे और वर्ल्ड कप जिताएंगे। सचिन तेंदुलकर ने भारत की ओर से छह वर्ल्ड कप खेले और उनका सपना जाकर पूरा हुआ था 2011 में। वर्ल्ड कप 2011 के समय विराट कोहली युवा खिलाड़ी थे और उन्होंने कहा था कि सचिन तेंदुलकर ने लंबे समय तक उम्मीदों का भार अपने कंधों पर रखा है और अब समय है कि उन्हें कंधे पर बैठाया जाए। 2 अप्रैल 2024 को सचिन तेंदुलकर ने ट्विटर (अब X) पर 2011 वर्ल्ड कप की फोटो शेयर कर जो लिखा है, वह आपके लिए टाइम मशीन का काम करेगा और आप भी उस ऐतिहासिक दिन पहुंच जाएंगे।
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सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ’13 साल पहले, मेरे बचपन का सपना सच हो गया था। हमेशा मैं उन यादों के लिए, टीम के लिए और अरबों लोगों के सपोर्ट के लिए शुक्रगुजार रहूंगा।’ वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मैच भारत ने श्रीलंका के खिलाफ जीता था। भारत ने यह मैच 10 गेंद शेष रहते हुए छह विकेट से जीता था।
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मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेला गया था। श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए छह विकेट पर 274 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने 31 रनों तक वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर का विकेट गंवा दिया था। गौतम गंभीर ने इसके बाद विराट कोहली के साथ मिलकर स्कोर 114 रनों तक पहुंचाया था। विराट कोहली के आउट होने के बाद धोनी बैटिंग के लिए आए थे। धोनी ने 79 गेंदों पर 91 रनों की पारी खेली थी। गंभीर 122 गेंदों पर 97 रन बनाकर आउट हुए। थे।
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