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मयंक यादव क्रिकेट के मैदान पर रफ्तार के नए सौदागर बनकर उभरे हैं। लखनऊ सुपर जांयट्स (एलएसजी) का हिस्सा मयंक ने आईपीएल 2024 के दो मैचों में लगातार खतरनाक गेंदबाजी की और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 156.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली। यह मौजूदा सीजन की सबसे तेज गेंद है। इंग्लैंड के पूर्व पेसर स्टुर्ट ब्रॉड ने हाल ही में कहा था कि 21 वर्षीय मयंक को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका देना चाहिए, जो इस साल के अंत में खेली जाएगी। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने भारतीय टीम मैनेजमेंट को चेताया है। उन्होंने कहा कि मयंक को टेस्ट में उतारने की हड़बड़ी मत कीजिएगा। वॉटसन का मानना है कि मयंक को पहले सीमित ओवर फॉर्मेट में निखरने का अवसर दिया जाना चाहिए।
वॉटसन ने जियो सिनेमा पर कहा, ”मयंक यादव इस वक्त सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने वर्ल्ड क्लास स्पीड और वर्ल्ड क्लास स्किल दिखाई है। लखनऊ सुपर जायंट्स भाग्यशाली है कि उनके पास मयंक है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ बड़े मंच पर प्रदर्शन करना और और उन्हें परास्त करना बहुत ही खास बात है।” पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ”बेशक, एक परफेक्ट वर्ल्ड में आप मयंक को टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए देखना पसंद करेंगे लेकिन एक तेज गेंदबाज के रूप में शरीर की अपनी चुनौतियां होती हैं। हाई स्पीड से गेंदबाजी करना, सपाट विकेट पर टेस्ट मैच में एक दिन में 15-20 ओवर फेंकना, मुझे नहीं लगता कि मयंक के शरीर को फिलहाल उस लिमिट तक पुश करना जरूरी है।”
उन्होंने कहा, ”दुनिया में ऐसे बहुत तेज गेंदबाज नहीं हैं जो मयंक के जैसी रफ्तार और कंट्रोल के साथ बॉलिंग करने में सक्षम हों। इसलिए उन्हें युवा पेसर के अविश्वसनीय टैलेंट और स्किल का सही से उपयोग करने की जरूरत है। ऐसे में उसे जल्दबाजी में टेस्ट क्रिकेट में उताराना, मुझे लगता है कि बिल्कुल भी समझदारी भरा फैसला नहीं।” पूर्व कंगारू प्लेयर ने कहा, ”मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि अगर इंडियन क्रिकेट वाकई में उसे चार दिवसीय क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट में पुश की कोशिश कर रहा है तो यह ठीक नहीं। वह भारत के लिए टी20 और वनडे क्रिकेट में गजब की छाप छोड़ सकता है।” बता दें की टी20 वर्ल्ड कप 2024 का आयोजन जून में वेस्टइंडीज और यूएसए में होना है।
वॉटसन ने कहा, ”मैंने अतीत में देखा है, चाहे भारत में हो या दुनिया के अन्य हिस्सों में, जब हर कोई युवा तेज गेंदबाज को लेकर बहुत उत्साहित हो जाता है तो हमेशा यही ख्याल आता है, ‘चलो उसे टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करें क्योंकि यह अल्टीमेट है’। लेकिन इसमें समय लगता है। उसकी बॉडी मैच्योर हो रही है और अधिक लचीली होगी, जिसमें कई साल लगते हैं। मुझे लगता है कि सिर्फ टी20 और वनडे क्रिकेट खेलने से धीरे-धीरे उसमें लचीलापन बढ़ेगा। इसलिए मैं उसे छोटे प्रारूपों में खेलते हुए देखना पसंद करूंगा। वह अभी अपने शरीर का आदी हो रहा है और उस ताकत का निर्माण कर रहा है, जिसकी उसे जरूरत है।”
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