[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
International Carrot Day 2024: दुनियाभर में हर साल 4 अप्रैल को विश्व गाजर दिवस के रूप में मनाया जाता है। गाजर दिवस को मनाने के पीछे का उद्धेश्य लोगों को गाजर का सेवन करने से मिलने वाले फायदों के प्रति जागरूक करवाना है। सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2003 में हुई थी। गाजर को उसके पोषण मूल्य और बहुमुखी प्रतिभा के लिए सम्मानित किया जाता है, और यह दिन हमें गाजर के बारे में जानकारी फैलाने और इसके स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका देता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस को मनाने के पीछे का इतिहास और महत्व।
अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस का इतिहास-
गाजर का वानस्पतिक नाम डाकस कैरोटा है। जानकारों का मानना है कि एशिया के लोगों ने सबसे पहले गाजर की खेती की शुरुआत की और वहीं से ये विश्व के अन्य देशों में पहुंची। गाजर चार अलग-अलग रंगों लाल,पीली, संतरी और काली रंग की पाई जाती है। साल 2003 में अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस की स्थापित की गई। जिसके बाद साल 2012 तक यह दुनिया भर में उन सभी जगहों पर फैल गया है, जहां गाजर के बारे में लोग जानते थे। बता दें, सबसे पहले गाजर दिवस को मनाने की शुरुआत फ्रांस और स्वीडन से हुई। इसके बाद भारत, जापान, रूस इटली समेत दुनिया के कई देशों में विश्व गाजर दिवस मनाया जाने लगा। गाजर दिवस को मनाने का मकसद देश के लोगों के बीच गाजर जैसे पौष्टिक आहारों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने का था।
अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस का महत्व-
अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस को मनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप पोषक तत्वों से भरपूर इस सब्जी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। गाजर की खासियत यह है कि आप इसका इसका उपयोग ज्यादातर सब्जियों को बनाते समय कर सकते हैं। बात चाहे लंच में बनने वाली मिक्स वेज की हो या फिर डिनर के बाद सर्व किए जाने वाले हलवे की, गाजर का सेवन किसी भी रूप में किया जा सकता है।
[ad_2]
Source link
Copyright By @Inshort24 - 2024
BACK TO TOP