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Tips to make Kids Responsible: बढ़ते बच्चों का लापरवाह और जिद्दी रवैया, कई बार पेरेंट्स के लिए सिर का दर्द बनने लगता है। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चे को सुधारने के लिए कई बार जाने-अनजाने कुछ ऐसे कदम उठा लेते हैं, जो भविष्य में उन्हें उनसे दूर करने का काम कर सकते हैं। हालांकि कोई भी मां-बाप यह नहीं चाहेगा कि उनका बच्चा लापरवाह बने लेकिन इसके लिए बचपन से ही बच्चे की ग्रूमिंग करने की जरूरत होती है। अगर आपका हाल भी कुछ ऐसा ही है तो बच्चे की आदत सुधारने के लिए उस पर चिल्लाने या डांटने की जगह, ये 5 टिप्स अप्लाई करना शुरू कर दें।
बच्चों को जिम्मेदार बनाने के लिए पेरेंट्स फॉलो करें ये टिप्स-
दूसरे बच्चों से तुलना न करें-
कई बार पेरेंट्स बच्चे की तुलना उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के बच्चों से करने लगते हैं। लेकिन ऐसा करने से बच्चे के मन में नकारात्मक भावना पैदा हो सकती है। जिसकी वजह से वह खुद को दूसरे बच्चों से कम आंकने लगता है और ऐसा करने की वजह से उसका आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। बच्चों को प्यार से समझाएं कि उनकी हर चीज को लापरवाही से लेने की आदत उनके जीवन पर क्या असर डाल सकती है। आपके ऐसा करने से धीरे-धीरे उसका हर चीज को लापरवाही के साथ देखने का नजरिया ठीक हो सकता है।
अपने काम खुद करने की आदत डालें-
कई पेरेंट्स अपने बच्चे के हर काम खुद करने लगते हैं। ऐसा करने से आप उसे कभी भी आत्मनिर्भर नहीं बनने देते हैं। बच्चे को हमेशा अपने काम खुद करने की आदत डालें। शुरुआत ब्रश करवाने से करें। पहले उन्हें खुद ही ब्रश करने को बोलें। जब वे कर लें, तब भले ही एक बार चेक करके आप सफाई की तसल्ली कर सकते हैं। उसके बाद धीरे-धीरे बच्चे को अपने कपड़े फोल्ड करके अलमारी में रखने के लिए कहें। बच्चे के रूटिन में ऐसी छोटी-छोटी आदतों को शामिल करने से वे उम्र के साथ बड़े-बड़े काम भी जिम्मेदारी से करना सीख जाएंगे।
बच्चे की गलती बताएं-
बच्चे के गलती करने पर उन्हें मारने-पीटने या सजा देने की जगह गलती का अहसास करवाएं। अपनी गलती पता चलने पर वो उसे सुधारने की कोशिश करेंगे। ध्यान रखें, छोटी-छोटी बातों पर बच्चे को सजा देने से बच्चों को अपनी गलती का अहसास नहीं होता है और वो ढीठ बन जाते हैं। बच्चे को गलती का अहसास करवाने से वे लापरवाह रवैया छोड़कर जिम्मेदार बनते हैं।
बच्चों की तारीफ करने से ना करें परहेज-
बच्चों की तारीफ करने से कभी परहेज ना करें। अपने छोटे-छोटे काम जब वो खुद से करते हैं तो आप उनकी तारीफ करके उनका आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। माता-पिता का ये सोचना गलत है कि तारीफ करने से बच्चे बिगड़ जाते हैं। बल्कि तारीफ करने से बच्चे और भी जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित होते हैं।
एक साथ न दें कई काम-
बच्चे को जिम्मेदार बनाने के लिए कई बार पेरेंट्स उसे एक साथ ढ़ेरों काम करने के लिए दे देते हैं। लेकिन ऐसा ना करें। जब आप बच्चे पर एकसाथ कई कामों की जिम्मेदारी थोप देते हैं। साथ ही उनसे उम्मीद करते हैं कि वे सबकुछ अच्छे से करें तो आप अनजाने में उनके साथ गलत कर रहे होते हैं। बच्चे से अपनी उम्मीदों को सीमित रखें। उसे छोटे-छोटे काम करने को दें और उनके सभी छोटे बड़े प्रयासों की सराहना करें। एक साथ कई काम देखकर बच्चा घबराकर काम से ऊब सकता है। जिसकी वजह से उसे जिम्मेदारी का अहसास नहीं होगा।
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