April 2nd, 2024

आज से ठीक 13 साल पहले जब टीम इंडिया ने उठाया वर्ल्ड कप, धोनी-गंभीर की जोड़ी ने लगाई नैया पार 

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भारतीय क्रिकेट टीम ने आज ही के दिन साल 2011 में 2 अप्रैल को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। 28 साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय टीम विश्व कप की ट्रॉफी उठाने में सफल हुई थी। कपिल देव की कप्तानी में 1983 में भारत ने विश्व कप जीता था और इसके बाद 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया चैंपियन बनी। इस मैच में किन खिलाड़ियों का अहम योगदान था और पूरे टूर्नामेंट में किसका जलवा रहा, ये आपके लिए जानना जरूरी है। 

खिताबी मैच की बात करें तो भारत के लिए जीत की नींव जहीर खान ने दमदार गेंदबाजी करते हुए रखी। उन्होंने पावरप्ले में पांच ओवर किए, जिसमें से तीन ओवर मेडेन थे। सिर्फ 6 रन उन्होंने खर्च किए थे और एक विकेट चटकाया था। हालांकि, आखिरी के पांच ओवर में उन्होंने 54 रन लुटा दिए थे और मैच में उनको दो विकेट मिले थे। दो सफलता युवराज सिंह ने भी हासिल कीं। श्रीलंका के लिए महेला जयवर्धने ने 103 रन की पारी खेली। 48 रन कुमार संगकारा ने भी बनाए।

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श्रीलंका ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए। 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिली। वीरेंद्र सहवाग पहले ओवर की दूसरी गेंद पर और सचिन तेंदुलकर सातवें ओवर की पहली गेंद पर आउट हो गए थे। इसके बाद गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच एक साझेदारी पनपी, जिसने भारतीय टीम को मैच में जीवित किया, लेकिन विराट के आउट होने के बाद आए एमएस धोनी ने करियर की सबसे अहम पारी खेली।

एमएस धोनी वर्ल्ड कप 2011 में एक भी बार अर्धशतक तक नहीं जड़ पाए थे और उन्होंने खुद को युवराज सिंह से पहले प्रमोट किया था। इस फैसले की आलोचना भी हुई, लेकिन मैच खत्म होते-होते हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था, क्योंकि मुरलीधरन के रूप में उनके पास दमदार ऑफ स्पिनर था, जिसे टेकल करने के लिए धोनी बल्लेबाजी के लिए आए और उन्होंने गौतम गंभीर के साथ मिलकर 109 की साझेदारी की और टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचाया।


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गौतम गंभीर 122 गेंदों में 97 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन धोनी ने 79 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 91 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया को 6 विकेट से जीत दिलाई। धोनी को इस पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला, जबकि युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में 362 रन बनाए और 15 विकेट भी हासिल किए। उन्होंने चार अर्धशतक और एक शतक भी जड़ा। इसके लिए उनको प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला।

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